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Book 3

अमुकनाम र्त्सरे अमुकायने अमुक ऋिू अमुकमासे अमुक पक्षे अमुक तिथौ अमुकर्ासरे अमुकनक्षिे संयुति चन्द्रे .... ..... तिथौ ......... एक सौर र्षव में १२ सौर मास िथा ३६५.२५८५ मध्यम सार्न हदन होिे हैं परन्िु १२ चंद्रमास ३५४.३६७०५ मध्यम सार्न हदन का होिा है, इसमलए १२ चंद्रमासों का एक र्षव सौर र्षव से १०.८९१७० मध्यम सार्न हदन छोटा होिा है | इसमलए कोई िैंिीस महीने में ये अंिर एक चंद्रमास के समान हो िािा है | जिस सौर र्षव में यह अंिर १ चंद्रमास के समान हो िािा है उस सौर र्षव में १३ चंद्रमास होिे हैं | उसे मास को अधवमास या मलमास कहा िािा है | यहद ऐसा न ककया िाये िो चंद्रमास के अनुसार मनाये िाने र्ाले त्यौहार पर्व इत्याहद मभन्न मभन्न ऋिुओं में मुसलमानी त्यौहारों की िरह मभन्न मभन्न ऋिुओं में पड़ने लगे | ककस घंटे (होरा) का स्र्ामी कौन िह है यह िानने के मलए र्ह क्म समझ लेना चाहहए जिस क्म से घंटे के स्र्ामी बदलिे हैं | शतन िह पृ्र्ी से सब िहों से दूर है, उस से तनकटर्िी बृहस्पति है, बृहस्पति से तनकट मंगल, मंगल से तनकट सूयाव, सूयव से तनकट शुक्, शुक् से तनकट बुध और बुध से तनकट चंद्रमा है | इसी क्म से होरा के स्र्ामी बदलिे हैं | यहद पहले घंटे का स्र्ामी शतन है िो दुसरे घंटे का स्र्ामी बृहस्पति, िीसरे घंटे का स्र्ामी मंगल, चौथे का सूयव, पांचर्े का शुक्, छठे का बुध, सािर्ें का चन्द्रमा, आठर्ें का किर शतन इत्याहद क्मानुसार हैं | परन्िु जिस हदन हदन पहले घंटे का स्र्ामी शतन होिा है उस हदन का नाम शतनर्ार होना चाहहए | इसमलए शतनर्ार के दूसरे घंटे का स्र्ामी बृहस्पति, िीसरे घंटे का स्र्ामी मंगल इत्याहद हैं | इस प्रकार साि साि घंटे के बाद स्र्ाममयों का र्ाही क्म किर आरम्पभ होिा है | इसमलए शतनर्ार के २२र्ें घंटे का स्र्ामी शतन, २३र्ें का बृहस्पति, २४र्ें का मंगल और २४र्ें के बाद र्ाले घंटे का स्र्ामी सूयव होना चाहहए | परन्िु यहाूँ २५र्ां घंटा अगले हदन का पहला घंटा है जिसका स्र्ामी सूयव है इसमलए शतनर्ार के बाद रवर्र्ार आिा है | इसी प्रकार रवर्र्ार के २५र्ें घंटे यानी अगले हदन के पहले घंटे का स्र्ामी चन्द्रमा होगा इसमलए उसे चंद्रर्ार या सोमर्ार कहिे हैं | इसी प्रकार और र्ारों का नामकरि हुआ है | इससे यह स्पष्ट होिा है कक शतनर्ार के बाद रवर्र्ार और रवर्र्ार के बाद सोमर्ार और सोमर्ार के बाद मंगलर्ार तयों होिा है | शतन से रवर् चौथा िह है और रवर् से चौथा िह है और रवर् से चंद्रमा चौथा िह है अिः प्रत्येक हदन का स्र्ामी उसके वपछले हदन के स्र्ामी से चौथा िह है | अब संक्षक्ष्ि में रामशयों और नक्षिों के बारे में चचाव करिे हैं िाकक आगे िब िहों और नक्षिों के बारे में कोई सन्दभव आये िो हमें उसमें कोई उलझन न हो | रामशचक् - सूयव जिस मागव से चलिा हुआ आकाश में प्रिीि होिा है उसे काजन्िर्ृत्ि कहिे हैं | अगर इस काजन्िर्ृत्ि को बारह भागों में बांटा िाये िो हर एक भाग को रामश कहिे हैं अिः

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