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Book 3

सकिा है, पर हमारा उद्देश्य हर चीि को बारीकी से समझना है इसमलए हम कोई िल्दी नहीं करेंगे | हमने समय को पहले भी संक्षेप में बिाया हैं यहाूँ घडी और सूयव के अनुसार समय की चचाव करेंगे | भारि र्षव में स्टैण्डडडव टाइम ८० डडिी ५ ममनट रेखांश (देशांिर) तनधावररि हुआ है | ककसी वर्शेष स्थान का समय नहीं है बजल्क ८२ डडिी ५ ममनट पर रेखांश पर जििने स्थान पड़िे हैं उन सब का यही स्थानक समय समझना चाहहए | इसी के अनुसार भारिर्षव भर की घडड़याूँ ममलाई िािी है | िब ८२ डडिी ५ ममनट रेखांश के देशो में १२ बििे हैं िो सम्पपूिव भारि की घडड़यों में उस समय १२ बििे हैं | इसके कारि व्यर्हाररक रीति से कारोबार करने में सुवर्धा हो गयी कक यहद एक घडी में १२ बिेंगे िो सरे भारिर्षव में १२ बिेगा | १.७.१९०५ में यह स्टैण्डडडव समय की व्यर्स्था नहीं थी | इसके पहले ऐसा नहीं होिा था, प्रत्येक स्थानों में पृथक पृथक समय ही प्रचमलि था | जिस प्रकार भारिर्षव का स्टैण्डडडव समय तनधावररि हुआ है उसी प्रकार प्रत्येक देश का पृथक पृथक स्टैण्डडडव समय तनधावररि कर हदया गया है और िीनवर्च समय को मध्य िान कर उसके हहसाब से यह समय तनधावररि हुआ है | बमाव का स्टैण्डडडव समय ६.३० ममनट है अथावि बमाव भारिर्षव के समय से १ घंटा बढ़ा हुआ है | दूसरी लड़ाई के समय बमाव में लड़ाई होने के कारि बमाव का स्टैण्डडडव समय भारि में लागू कर हदया गया था यातन की पुराने समय में १ घंटा आगे बढ़ा हदया गया था िो िाररख १ मसिम्पबर १९४२ से १५ ऑतटोबर १९४५ के २ बिे िक प्रचमलि रहा | अब के समय में घडड़यों में २ समस्या हैं | एक िो यह कक यहद एक घडी बंद होिी है िो दूसरी घडी से ममलान करने पर २-४ ममनट का अंिर प्रत्येक घडी में आ ही िािा है | रेलर्े या पोस्ट ऑकिस से बहुि कम घडड़याूँ ममली हुई होिी हैं | दूसरी समस्या यह कक आिकल िो घडड़याूँ बनिी हैं र्ो ककसी तनयममि गति से ही चलिी है अथावि र्ह घडी एक हदन में जिस गति से चलेगी सदा उसी गति से र्ह घडी चलिी रहेगी | अथावि १२ घंटे में जिस प्रकार घंटे का काूँटा एक बार पूरा घूम कर किर १२ पर आएगा और उसके मलए जििना समय लगेगा सदा उिना ही समय प्रतिहदन उस घडी में उसी प्रकार घंटे का कांटा एक बार पूरा घूम िाने में लगेगा | ऐसा नहीं होिा कक कभी १२ घंटा लगा हो और कभी ११.५० घंटे में एक बार काूँटा पूरा घूम गया हो | इस प्रकार घडी की चाल एक सी बनी रहिी है | अब सूयव का वर्चार कीजिये जिसका समय बिाने के मलए ये घडड़याूँ बनी हैं | सूयव की प्रतिहदन की गति एक सी नहीं होिी | कभी हदन भर में ५७ कला गति होिी है, कभी र्ह गति प्रतिहदन

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