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Book 3

िन्म िामलका में रामशयों और िहों को प्रदमशवि करना - ककसी व्यजति के िन्म के समय पृ्र्ी अपने पररपथ पर चलिे हुए जिस रामश में है, र्ह रामश की क्म संख्या के रूप में प्रथम भार् में मलखी िािी है िथा उसके आगे कक रामशयाूँ घडी की सुइयों के उलटी हदशा में क्मश दुसरे, िीसरे.....आहद भार्ों में मलखी िािी है | इस रामश को ही िन्म रामश कहिे हैं | उदाहरण के भलए - यहद ककसी व्यजति का िन्म चचि २ के अनुसार उस समय हुआ है, िब पृ्र्ी ३० डडिी एर्ं ६० डडिी के बीच अथावि र्ृष रामश में थी िो लग्न िामलका के प्रथम भार् में र्ृष रामश की क्म संख्या अथावि २ मलखा िायेगा िथा उसके बाद द्वर्िीय, िृिीय आहद भार्ों में मलखा िायेगा | बारहर्ें भार् में रामश क्म संख्या १ (मेष) मलखा िायेगा | रामशयों को अंककि करने के बाद अन्य िहों की जस्थति िन्म के समय देख कर उसे सम्पबंचधि रामश र्ाले भार् में मलखा िायेगा | उदाहरिाथव चचि २ के अनुसार, िन्म के समय बृहस्पति र्ृष (२) रामश में र् चंद्रमा ममथुन (३) रामश में है | अिः चचि ३ में प्रथम भार् में बृहस्पति र् द्वर्िीय भार् में चंद्रमा मलखा गया है | इसी प्रकार चचि २ में िन्म के समय शतन र् राहु मसंह (५) रामश में, शुक् मकर (१०) रामशयों में, बुध, सूयव र् के िु कु म्पभ (११) रामश में िथा मंगल मीन र्ृष (१२) रामश में है | अिः चचि ३ में इसी के अनुसार सम्पबंचधि रामश र्ाले भार् में इन िहों के नाम मलखे गए हैं | िन्म के समय पृ्र्ी ककस रामश में, ककस डडिी पर थी िथा अन्य िहों की तया जस्थति है, इसको ज्ञाि करने के मलए गिना का सहारा मलया िािा है जिसकी वर्स्िृि चचाव आगे की िाएगी | यहाूँ के र्ल हम कुं डली को समझ रहे हैं.. और उसका कांसे्ट साफ़ कर रहे हैं | इसकी गिना कै से करिे हैं, र्ो आगे बिाया िायेगा |

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