वर्शुर्ांश – आकाशीय वपंड से वर्षुर्ि र्ृत्ि पर लम्पबर्ि चाप िहाूँ ममले, उस त्रबंदु की सायन मेष का प्रथम त्रबंदु से कोिीय दूरी को वर्शुर्ांश कहिे हैं | यह वर्षुर्ि र्ृत्ि का भाग या अंश होने से वर्शुर्ांश कहलािा है | क्ाजन्ि (Declination) – आकाशीय वपंड से वर्षुर्ि र्ृत्ि पर लम्पबर्ि चाप िो कोि पृ्र्ी के कें द्र (या खगोल के कें द्र) पर बनार्े, र्ह कोि क्ांति होिी है अथावि आकाशीय वपंड की वर्षुर्ि र्ृत्ि से लम्पबर्ि कोिीय दूरी को क्ांति कहिे हैं | ऊपर कक आकृ ति में अ ब वर्षुर्ि र्ृत्ि हैं | क ख काजन्िर्ृत्ि है | म और ि मेष र्् िुला रामश के प्रथम त्रबंदु हैं | आ एक आकाशीय वपंड है | उ और द वर्षुर्ि र्ृत्ि के ध्रुर् हैं | प और ि काजन्िर्ृत्ि के ध्रुर् हैं | उ आ च वर्षुर्ि र्ृत्ि पर लम्पबर्ि चाप है | प आ छ काजन्िर्ृत्ि पर लम्पबर्ि चाप है | म छ चाप का कोि इस आकाशीय वपंड का भोगांश है | आ छ चाप का कोि इसका वर्क्षेप है | म च चाप का कोि इसका वर्शुर्ांश है | ऊ च चाप का कोि इसकी क्ांति है | क्षक्षतिि र्ृत्ि (Horizon) – दृष्टा या देखने र्ाला या प्रेक्षक को िहाूँ पृ्र्ी और आकाश ममलिे हुए हदखाई देिे हैं, उसे अनन्ि आकाश में िै लाने पर िहाूँ र्ह खगोल या आकाशीय गोले को ममले, र्ह र्ृत्ि क्षक्षतिि र्ृत्ि कहलािा है | मशरोत्रबंदु (Zenith) – प्रेक्षक िहाूँ खड़ा हो उसके ठीक मसर के ऊपर िो रेखा पृ्र्ी के कें द्र से मसर से होिी हुई खगोल को ममले र्ह त्रबंदु मशरोत्रबंदु कहलािा है | यह क्षक्षतिि र्ृत्ि का एक ध्रुर् है | यह त्रबंदु मसर के ऊपर होिा है | अधोत्रबंदु या पािाल (Nadir) – प्रेक्षक जिस स्थान पर खड़ा हो िब उसके पैरों से और पृ्र्ी के कें द्र से होिी हुई रेखा खगोल को जिस स्थान पर काटे, र्ह त्रबंदु अधोत्रबंदु कहलािा है | यह ठीक पैर के नीचे होिा है | यह क्षक्षतिि र्ृत्ि का दूसरा ध्रुर् है | उद्र्ृत्ि (Vertical) – ककसी स्थान के मशरोत्रबंदु और अधोत्रबंदु को आकाशीय गोले के िाल पर ममलाने से िो बड़े र्ृत्ि बनिे हैं, उन्हें उद्र्ृत्ि कहिे हैं | यह क्षक्षतिि र्ृत्ि पर लम्पबर्ि होिे हैं | याम्पयोत्िर र्ृत्ि (celestial Meridian) – आकाशीय ध्रुर्ों और प्रेक्षक के मशरोत्रबंदु से िो र्ृत्ि खगोल पर बनिा है, उसे दशवक का याम्पयोत्िर र्ृत्ि कहिे हैं | यह क्षक्षतिि र्ृत्ि को उत्िर