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Book 3

= १४ x ७१ चिुयुवग + १५ सियुग = ९९४ चिुयुवग + (१५ x ४)/१० चिुयुवग (चिुयुवग का ४०%) = १००० चिुयुवग = १००० x १२००० = १२०००००० हदव्य र्षव = १००० x ४३२०००० = ४३२००००००० सौर र्षव ऐसा मनुस्मृति में भी ममलिा है ककन्िु आयवभट की आयवभटीय के अनुसार १ कल्प = १४ मनु (मन्र्ंिर) १ मनु = ७२ चिुयुवग और आयवभट्ट के अनुसार १४ x ७२ = १००८ चिुयुवग = १ कल्प िबकक सूयव मसद्धांि से १००० चिुयुवग = १ कल्प िो की ब्रह्मा के १ हदन के बराबर है | इिने ही समय की ब्रह्मा की एक राि भी होिी है | इस समय ब्रह्मा की आधी आयु बीि चुकी है, शेष आधी आयु का यह पहला कल्प है | इस कल्प के संध्या सहहि ६ मनु बीि गए हैं और सािर्ें मनु र्ैर्स्र्ि के २७ महायुग बीि गए हैं िथा अट्ठाईसर्ें महायुग का भी सियुग बीि चूका है | इस समय २०१३ में कमलयुग के ५०४७ र्षव बीिे हैं | महायुग से सियुग के अंि िक का समय = १९७०७८४००० सौर र्षव यहद कल्प के आरम्पभ से अब िक का समय िानना हो िो ऊपर सियुग के अंि िक के सौर र्षों में िेिा के १२८६००० सौरर्षव, द्र्ापर के ८६४००० सौर र्षव िथा कमलयुग के ५०४७ र्षव और िोड़ देने चाहहए | बीिे हुए ६ मन्र्न्िरों के नाम हैं - (१) स्र्ायम्पभुर् (२) स्र्ारोचचष (३) औत्िमी (४) िामस (५) रैर्ि (६) चाक्षुष | र्िवमान मन्र्ंिर का नाम र्ैर्स्र्ि है | र्िवमान कल्प को श्र्ेि कल्प कहिे हैं, इसीमलए हमारे संकल्प में कहिे हैं - प्रर्िवमानस्याद्य ब्राह्मिों द्वर्िीय प्रहराधे श्री श्र्ेिर्राहकल्पे र्ैर्स्र्ि मन्र्न्िरे अष्टावर्ंशति िमे कमलयुगे कमल प्रथम चरिे ...............बौद्धार्िारे र्िवमानेजस्मन र्िवमान संर्त्सरे

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