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Book 3

पूर्ी + १८०० अंश पजश्चमी = ३६०० रेखांशों को २४ घंटे में पार करिा है | इस प्रकार १० रेखांश पार करने में २४ घंटे x ६० ममनट = १४४० ममनट लगिे हैं यानी १० पार करने में १४४०/३६०० = ४ ममनट लगिे हैं | यही कारि है कक १८०० पूर्ी रेखांश के निदीक िापान में िब सोमर्ार होिा है िो १८०० पजश्चमी रेखांश के निदीक होनोलुलु में रवर्र्ार का हदन होिा है | ऐसी जस्थति में वर्श्र् के ककसी भी स्थान/रेखांश पर खड़े होकर सूयव कक जस्थति िान सकिे हैं | सूयोदय और दोपहर अधवरात्रि अमुक समय ककस स्थान पर होगी, स्पष्ट रूप से बिा सकिे हैं | चचि – ९ अब ऊपर की दोनों बािों को ध्यान में रख कर हम समय गिना को समझने का प्रयास करेंगे | ऊपर कक बािों से ये स्पष्ट है कक दो मभन्न मभन्न स्थानों के स्थानीय समयों में अंिर अर्श्य आएगा िैसे हदल्ली और कोलकािा के स्थानीय समय में ४४’३८’’ का अंिर है अथावि िब कोलकािा में २ बिकर ४४’३८’’ होंगे िब हदल्ली में २ बिे होंगे | ककसी स्थान का ककसी समय पर औसि समय ज्ञाि करने के मलए (१) उस स्थान का देशांिर (रेखांश/Longitude) (२) उस क्षेि/देश, जिसमें र्ह स्थान है, र्हां का मानक समय (IST, भारि के सन्दभव में) (३) उस देश/क्षेि की मानक मध्यान्ह रेखा का देशांिर मालूम होना चाहहए | इसके बाद तनम्पन प्रकक्या से स्थानीय समय ज्ञाि ककया िा सकिा है | प्रथम चरि – स्थानीय देशांिर और देश/क्षेि कक मानक मध्यान्ह रेखा के देशांिर का अंिर ज्ञाि कर लें | दूसरा चरि – इस अंिर को ४ ममनट प्रति अंश के अनुसार गुना करें | (पृ्र्ी ३६०० २४ घंटे में घूमिी है अथावि १५० = १ घंटा या १० = ४ ममनट) अंश को ४ से गुना करने से ममनट र्् कला को ४ से गुना करने पर सेकं ्स में समय का अंिर आ िायेगा | िीसरा चरि – अगर र्ह स्थान मानक रेखा के पूर्व में हो िो दूसरे चरि र्ाला समय, मानक समय में िोड़ देंगे और पजश्चम में हो िो घटा देंगे | ऐसा करने पर स्थानीय समय आ िायेगा |

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